आखिर मान गए भूपेंद्र पटेल

मुंबई@राजेंद्र देसाई

मुंबई।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मान मन्नोवल आखिर रंग लाई।गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने मोदी की बात मानकर सीएम पद से इस्तीफे की अपनी जिद छोड़ दी। वे ही आगे मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

एक मई को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के बेटे को अहमदाबाद में ब्रेन हेमरेज हुआ था।उसे आननफानन में एयर एंबुलेंस से मुंबई लाया गया।बेटे की चिंताजनक हालत देखकर भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी से गुजरात सीएम से मुक्त होने की गुजारिश की थी। मोदी ने पहले तो उनकी बात मानने से साफ इंकार कर दिया था।बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री गुजरात के दौरे पर थे।तब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मोदी से अविलंब सीएम पद से मुक्त करने की जिद की।प्रधानमंत्री ने उन्हें काफी समझाया पर वे सीएम से हटने के फैसले पर अड़े रहे।

सूत्रों ने बताया कि मानमन्नोवल के इस क्रम में प्रधानमंत्री की दिल्ली वापसी तीन घंटे तक आगे बढ़ गई।तय कार्यक्रम के अनुसार मोदी को शाम छह बजे अहमदाबाद से दिल्ली रवाना होना था पर भूपेंद्र भाई को समझाने के चक्कर में वे रात नौ बजे दिल्ली रवाना हुए। इस दौरान मोदी ने भूपेंद्र भाई के स्थान पर दो नए नामों पर अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा भी की। इसमें रेस में सबसे आगे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का नाम शामिल था। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री दिल्ली जाने के बाद भी फ़ोन पर भूपेंद्र पटेल को सीएम पद पर बने रहने के लिए समझाते रहे।आखिर भूपेंद्र पटेल को मोदी की जिद के सामने झुकना पड़ा।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूपेंद्र पटेल की सादगी और सरल स्वभाव के बडे़ कायल हैं। भूपेंद्र भाई बहुत ही धार्मिक और भावुक राजनेता है। अपने विरोधियों से भी उनके बहुत मधुर संबंध है। गुजरात की राजनीति में उन्हें अजा त शत्रु माना जाता है।

 

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